भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) के राजनीतिक करियर को लेकर संशय लगातार बना हुआ है और राजनीतिक गलियारों में उनको लेकर की तरह की चर्चाएं चल रही हैं. अपनी ही पार्टी के खिलाफ लगातार आवाज उठाने वाले वरुण गांधी के कांग्रेस (Congress) में जाने की संभावनाएं कम हो गई हैं, लेकिन इसके साथ ही उनके समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) में जाने की चर्चा तेज हो गई है. खुद को किसी भी तरह से प्रतिबद्ध नहीं करते हुए, राहुल ने कहा कि वरुण और कांग्रेस की विचारधाराएं मेल नहीं खाती हैं, उनके लिए आरएसएस की विचारधारा को स्वीकार करना “असंभव” था जिसे वरुण ने अपनाया था, और वरुण भी खुद को मुश्किल में पा सकते थे अगर उन्होंने ऐसा किया एक फैसला।तीन बार के भाजपा सांसद और पार्टी के पूर्व महासचिव वरुण के करीबी सूत्रों का कहना है कि राहुल के बयान को और कुछ नहीं समझना चाहिए। सिर्फ इसलिए कि वरुण ने अपने विचार स्वतंत्र रूप से व्यक्त किए हैं और वे विचार भाजपा के विचारों के थोड़े विरोधाभासी हैं, आप यह नहीं कह सकते कि वह कांग्रेस में शामिल होने के इच्छुक हैं। उसने अलग होना चुना है और जो सही लगता है उसे व्यक्त करता है। जहां तक मुझे याद है उन्होंने कांग्रेस के पक्ष में कोई सार्वजनिक बयान नहीं दिया है और न ही इसमें शामिल होने की इच्छा जताई है.’