मौद्रिक नीति: आरबीआई के नीति पैनल ने विकास को ऊपर की ओर संशोधित करते हुए रेपो दर को अपरिवर्तित रखा है।
RBI Policy भारतीय रिज़र्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास ने हाल ही में जारी की गई मौद्रिक नीति समीक्षा में 10 प्रमुख बिंदुओं को रेखांकित किया है, जिसमें उन्होंने विकसित के प्रति अपेक्षाएं संशोधित करते हुए रेपो दर को अपरिवर्तित रखने का निर्णय लिया है। इस नीति का मुख्य उद्देश्य वित्तीय स्थिति को सुधारना और मुद्रा स्थिति को संरक्षित रखना है। यहां हम इस समीक्षा के मुख्य बिंदुओं की एक संक्षेपित झलकी प्रस्तुत करेंगे।
गवर्नर शक्तिकांत दास का मानना है कि 2020 से 2023 तक के वर्ष इतिहास में भारी अस्थिरता के काल के रूप में दर्ज किए जा सकते हैं, लेकिन उनके अनुसार, भारत की जीडीपी वृद्धि मजबूत है, जिसे 7% की वृद्धि के साथ दर्शाया गया है।
मौद्रिक नीति समिति द्वारा उच्च कार्रवाई की गई है, और इससे मुद्रास्फीति में सुधार की उम्मीद है। गवर्नर ने बताया है कि मुद्रास्फीति प्रबंधन ऑटोपायलट पर नहीं हो सकता और इसमें धीरे-धीरे प्रगति की जा रही है। उन्होंने भविष्य की राह में अनिश्चित खाद्य कीमतों के कारण उत्पन्न होने वाली चुनौतियों की भी चर्चा की है और उन्होंने उपभोक्ता मूल्य मुद्रास्फीति (सीपीआई) डेटा के बढ़ते उम्मीदों का भी सुधार करने का सुझाव दिया है। RBI Policy
मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) ने भी अवस्फीति प्रक्रिया को लेकर अपने उद्देश्यों को हासिल करने के लिए उचित कदम उठाने का प्लान बनाया है। इसमें मुद्रास्फीति को 4% तक कम करने का लक्ष्य शामिल है।
गवर्नर का कहना है कि मौद्रिक नीति के अनुसार, तरलता को सक्रिय रूप से प्रबंधित किया जाएगा और वित्तीय क्षेत्र की बैलेंस शीट मजबूत रहेगी। उन्होंने तनाव के क्षेत्रीय और संस्थान-विशिष्ट संकेतों की निगरानी और निरीक्षण के माध्यम से उनके समाधान की कड़ी निगरानी करने का भी सुझाव दिया है।
चालू खाता घाटा (सीएडी) की मामूली रहने की उम्मीद है, और गवर्नर ने बताया कि 640 बिलियन अमेरिकी डॉलर का विदेशी मुद्रा भंडार भी वैश्विक स्पिलओवर के खिलाफ एक मजबूत बफर प्रदान करता है। इसके साथ ही, भारतीय रुपये की स्थिरता भारतीय अर्थव्यवस्था के व्यापक आर्थिक सिद्धांतों में सुधार की ओर संकेत करती है।
गवर्नर दास ने यह भी बताया है कि विवेकशीलता और सटीक निगरानी के साथ चुनौतियों का सामना करते हुए, उन्होंने हर समय विवेकशीलता को मार्गदर्शन में लिया है और चुनौतियों का सामना करने की तैयारी है।
समीक्षा का समापन होते हुए, गवर्नर ने बताया है कि वित्त-पोषण की आराम से होने की उम्मीद है, और उन्होंने भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाए रखने के लिए आगे की योजना के साथ काम करने का आशीर्वाद दिया है।
इस पूरे समीक्षा के माध्यम से, गवर्नर शक्तिकांत दास ने वित्तीय स्थिति, मुद्रा स्थिति, और अर्थव्यवस्था के क्षेत्र में भारत के संभावित सुधारों के प्रति अपनी प्रतिबद्धता को प्रकट किया है। उनकी नेतृत्व में रेजर्व बैंक ने चुनौतियों का सामना करते हुए भी संतुलित और सुरक्षित अर्थव्यवस्था की दिशा में कदम बढ़ाया है।