बैठक में जिलाधिकारी ने सीजनल इन्फ्लुन्जा संक्रमण की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु भारत सरकार एवं राज्य सरकार द्वारा जारी गाईडलाइन का पालन करने एप्रोसिएट व्यवहार अपनाने हेतु विभिन्न माध्यमों जागरूकता कार्यक्रम संचालित करने के निर्देश दिए। जिलाधिकारी ने जनमानस से अनुरोध किया कि इसमें घबराने की जरूरत नहीं ही यदि किसी में जुखाम एवं बुखार की शिकायत हो तो सामाजिक दूरी बनाये भीड़भाड़ वाले स्थानों में मास्क का प्रयोग करें। उन्होंने जिला पंचायती राज अधिकारी को निर्देश दिए कि ग्रामीण क्षेत्रों में जागरूकता लाएं ताकि लोग घबरायें नहीं बल्कि सावधानी बरतें। जिलाधिकारी ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देशित किया कि समस्त चिकित्सालयों में उपचार के प्रबन्ध रखें, जिस पर मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि चिकित्सालय में उपचार के सभी प्रबन्ध है।
मुख्य चिकित्साधिकारी ने बताया कि यह एक सीजनल इन्फ्लुएन्जा के अधिकांश रोगियों में बुखार व खांसी के सामान्य लक्षण होते है, जो कि स्वतः ही ठीक हो जाते है। (एच1एन1, एच3एन2 इन्फ्लुएन्जा, एडिनो वायरस एवं अन्य इन्फ्लुएन्जा वायरस) है इससे घबराने की आवश्यकता नही है बल्कि सतर्क रहने की आवश्यकता है। जानकारी देेते हुए बताया कि यदि लक्षण हो तो साबुन और पानी से हाथ धोएं, मास्क पहने और भीड़भाड़ वाली जगहों से बचें, छींकते और खांसते समय मुंह और नाक को ढकंें, अपने आसपास सफाई रखें, खूब तरल पदार्थ लें, आंखो और नाक को छूने से बचें, बुखार और बदन दर्द होने पर पैरासिटामोल लें।

बैठक में मुख्य चिकित्साधिकारी डाॅ संजय जैन, प्रमुख चिकित्सास अधीक्षक जिला चिकित्सालय डाॅ शिखा जंगपांगी, डीएसओ डाॅ सी.एस रावत, प्रमुख चिकित्सा अधीक्षक सुभारती डाॅ असवाल, डाॅ वीरेन्द्र चैहान, समस्त सीएचसी, पीएचसी चिकित्सालयों के चिकित्साधिकारी उपस्थित थे।

कार्यालय जिला सूचना अधिकारी देहरादून

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